Loan Rules (ऋण नियम) : लोन लेना आज के समय में एक आम बात हो गई है, लेकिन हर किसी को आसानी से लोन नहीं मिलता। जब भी आप बैंक या किसी फाइनेंस कंपनी से लोन लेने जाते हैं, तो सबसे पहले आपकी उम्र और सिबिल स्कोर की जांच की जाती है। अगर ये दोनों चीज़ें सही हैं, तभी आपको झट से लोन मिल सकता है। आइए जानते हैं कि लोन लेने के लिए आपकी उम्र और सिबिल स्कोर कितना होना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
Loan Rules : लोन लेने के लिए उम्र की क्या होनी चाहिए?
लोन लेने की योग्यता तय करने में उम्र एक अहम भूमिका निभाती है। बैंक और NBFC (Non-Banking Financial Companies) आमतौर पर यह देखती हैं कि उधार लेने वाला व्यक्ति आर्थिक रूप से स्थिर है या नहीं और कितने समय तक लोन चुका पाएगा।
उम्र से जुड़ी जरूरी बातें:
- न्यूनतम उम्र: ज़्यादातर बैंकों में लोन के लिए न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल होती है। कुछ बैंक 18 साल पर भी पर्सनल लोन दे देते हैं, लेकिन वो केस काफी रेयर होते हैं।
- अधिकतम उम्र: अधिकतर लोन के लिए अधिकतम उम्र सीमा 60 साल होती है, खासकर अगर आप एक सैलरीड व्यक्ति हैं। सेल्फ-एंप्लॉयड लोगों के लिए ये उम्र 65 तक जा सकती है।
- होम लोन/एजुकेशन लोन/कार लोन: अलग-अलग तरह के लोन के लिए उम्र सीमा में थोड़ा फर्क हो सकता है।
एक उदाहरण:
मनीष एक प्राइवेट कंपनी में काम करता है और उसकी उम्र 25 साल है। उसने 5 लाख का पर्सनल लोन लिया और उसका सिबिल स्कोर 750 था। चूंकि मनीष की उम्र और सिबिल स्कोर दोनों अच्छे थे, बैंक ने उसका लोन तुरंत अप्रूव कर दिया।
सिबिल स्कोर क्या होता है और क्यों जरूरी है?
सिबिल स्कोर (CIBIL Score) एक 3-अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है। ये स्कोर बताता है कि आपने पहले लिए गए लोन या क्रेडिट कार्ड को समय पर चुकाया है या नहीं।
अच्छे सिबिल स्कोर के फायदे:
- जल्दी लोन अप्रूवल
- कम ब्याज दर पर लोन
- ज्यादा अमाउंट में लोन
- लंबी अवधि का लोन
स्कोर का वर्गीकरण:
सिबिल स्कोर | लोन मिलने की संभावना | विशेष टिप्पणी |
---|---|---|
750-900 | बहुत ज़्यादा | बैंक तुरंत लोन दे सकती है |
700-749 | अच्छी | लोन मिल सकता है लेकिन डिटेल चेक होगी |
650-699 | औसत | ब्याज दर थोड़ी ज्यादा हो सकती है |
600-649 | कम | लोन मिलने में दिक्कत हो सकती है |
300-599 | बहुत कम | लोन मिलना मुश्किल है |
मेरा अनुभव:
मैंने जब पहली बार पर्सनल लोन के लिए अप्लाई किया था, तब मेरा सिबिल स्कोर सिर्फ 670 था। बैंक ने मुझे लोन देने से मना कर दिया। बाद में मैंने कुछ क्रेडिट कार्ड की EMI समय पर चुकाई और स्कोर को 750 तक ले गया। इसके बाद मुझे बिना किसी परेशानी के लोन मिल गया।
किन बातों से सिबिल स्कोर बढ़ता है?
अगर आपका सिबिल स्कोर कम है तो आप कुछ बातों का ध्यान रखकर इसे सुधार सकते हैं:
- समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल चुकाएं
- एक साथ बहुत ज्यादा लोन न लें
- क्रेडिट कार्ड का लिमिट ज़्यादा इस्तेमाल न करें
- बार-बार लोन के लिए अप्लाई न करें
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कौन-कौन से लोन पर सिबिल स्कोर ज्यादा मायने रखता है?
हर लोन के लिए सिबिल स्कोर मायने रखता है, लेकिन कुछ लोन ऐसे होते हैं जहां इस पर खास ध्यान दिया जाता है:
- पर्सनल लोन: पूरी तरह सिबिल स्कोर पर निर्भर होता है।
- होम लोन: बड़ी रकम होने के कारण सिबिल स्कोर बहुत जरूरी होता है।
- क्रेडिट कार्ड: नया कार्ड मिलने से पहले स्कोर चेक किया जाता है।
- ऑटो लोन: थोड़ा लचीला हो सकता है लेकिन फिर भी स्कोर की जरूरत होती है।
किन लोगों को आसानी से लोन मिल जाता है?
- जिनकी उम्र 25 से 50 साल के बीच है
- जिनकी नौकरी स्थिर है या जिनका बिजनेस अच्छा चल रहा है
- जिनका सिबिल स्कोर 750 से ऊपर है
- जिनकी इनकम अच्छी और डॉक्यूमेंट क्लियर होते हैं
जरूरी दस्तावेज़ जो जल्दी लोन दिला सकते हैं:
दस्तावेज़ का नाम | जरूरी क्यों है? |
---|---|
आधार कार्ड | पहचान का प्रमाण |
पैन कार्ड | टैक्स और क्रेडिट चेक के लिए जरूरी |
इनकम प्रूफ (सैलरी स्लिप/ITR) | लोन चुकाने की क्षमता दिखाने के लिए |
बैंक स्टेटमेंट | ट्रांजैक्शन और फाइनेंशियल हेल्थ चेक करने के लिए |
एड्रेस प्रूफ | आपके स्थायी पते की पुष्टि के लिए |
लोन लेना है तो उम्र और सिबिल स्कोर पर ध्यान देना जरूरी है
अगर आप चाहते हैं कि आपको लोन आसानी से और जल्दी मिले तो आपकी उम्र और सिबिल स्कोर दोनों ही सही होने चाहिए। उम्र से बैंक को यह भरोसा होता है कि आप लोन चुकाने में सक्षम हैं और सिबिल स्कोर से यह पता चलता है कि आपने पहले अपने वित्तीय व्यवहार को कैसे निभाया है।
आखिरी सलाह:
- 21 से 50 की उम्र में लोन लेने के ज्यादा मौके होते हैं।
- सिबिल स्कोर को हमेशा 750 से ऊपर रखने की कोशिश करें।
- फाइनेंशियल प्लानिंग करें और कभी भी लोन को हल्के में न लें।
इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको लोन लेने में मदद करेगी और आपकी आर्थिक समझ को भी मजबूत बनाएगी। अपने फाइनेंशियल व्यवहार को सुधारें और ज़रूरत पड़ने पर सही ढंग से लोन लें।