RBI Rules (आरबीआई रूल्स ) : आज के समय में लोन लेना बहुत आम हो गया है। लेकिन कभी-कभी ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं जब किसी कारणवश EMI भरना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोगों को डर लगता है कि बैंक उनके खिलाफ कड़ा कदम उठा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि RBI ने लोन लेने वालों को कुछ महत्वपूर्ण अधिकार दिए हैं, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं? अगर आप भी किसी लोन की EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो यह लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं कि ऐसे हालात में आपके पास कौन-कौन से अधिकार होते हैं।
RBI Rules : EMI न भर पाने पर तुरंत डिफॉल्टर नहीं माना जाएगा
अगर किसी महीने आपकी EMI नहीं भर पाती है, तो आपको तुरंत डिफॉल्टर घोषित नहीं किया जाता। RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार:
- किसी भी लोन को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित करने के लिए कम से कम 90 दिनों की अवधि दी जाती है।
- अगर आप 3 महीने तक EMI नहीं चुकाते, तभी बैंक इसे डिफॉल्ट कैटेगरी में डालता है।
- इस दौरान बैंक आपको ईमेल, कॉल, और नोटिस के जरिए सूचित करता है।
वास्तविक उदाहरण:
रवि कुमार, जो एक प्राइवेट जॉब में काम करते हैं, उन्हें अचानक मेडिकल इमरजेंसी आ गई और वह 2 महीने तक अपनी EMI नहीं भर सके। लेकिन 90 दिन पूरे होने से पहले ही उन्होंने बैंक से संपर्क कर किस्तों को रीशेड्यूल करा लिया और डिफॉल्टर होने से बच गए।
आरबीआई रूल्स : लोन रिस्ट्रक्चरिंग का अधिकार
अगर आप किसी वैध कारण से EMI भरने में असमर्थ हैं, तो आप बैंक से लोन रिस्ट्रक्चरिंग की मांग कर सकते हैं। इसके तहत:
- बैंक आपकी EMI की राशि कम कर सकता है।
- लोन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
- आपको कुछ महीनों के लिए EMI में राहत (Moratorium Period) दी जा सकती है।
उदाहरण:
नीता शर्मा, एक महिला उद्यमी, कोविड-19 के दौरान अपने बिजनेस में नुकसान के कारण लोन चुकाने में दिक्कत महसूस कर रही थीं। उन्होंने अपने बैंक से संपर्क किया और उनकी EMI को 6 महीने के लिए स्थगित करवा लिया।
बैंक आपको परेशान नहीं कर सकता
RBI के नियमों के अनुसार, बैंक और वसूली एजेंटों को उधारकर्ताओं को मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान करने का अधिकार नहीं है।
- बैंक सुबह 8 बजे से पहले और रात 7 बजे के बाद कॉल नहीं कर सकते।
- धमकी देना, जबरदस्ती वसूली करना या परिवार को परेशान करना गैर-कानूनी है।
- अगर कोई वसूली एजेंट आपको परेशान करता है, तो आप इसकी शिकायत बैंक और RBI के ग्रिवांस सेल में कर सकते हैं।
हकीकत की घटना:
मुंबई के रहने वाले अजय वर्मा को उनके बैंक के एजेंट बार-बार फोन कर परेशान कर रहे थे। उन्होंने इसकी शिकायत की, जिसके बाद बैंक ने उनसे माफी मांगी और एजेंट के खिलाफ कार्रवाई की।
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सेटलमेंट या वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) का विकल्प
अगर आपका लोन बहुत ज्यादा बकाया हो गया है और आप उसे पूरी तरह चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, तो आप वन-टाइम सेटलमेंट (OTS) का अनुरोध कर सकते हैं।
- इसमें बैंक आपकी कुल बकाया राशि को कम कर सकता है।
- बैंक आपको छूट देकर कम रकम में लोन निपटाने का ऑफर दे सकता है।
- यह विकल्प उन लोगों के लिए फायदेमंद होता है जो लोन का कुछ हिस्सा चुका सकते हैं, लेकिन पूरी राशि नहीं दे सकते।
वास्तविक मामला:
गौरव मेहरा ने 5 लाख का पर्सनल लोन लिया था, लेकिन नौकरी जाने के कारण वह इसे चुकाने में असमर्थ हो गए। उन्होंने बैंक से OTS का अनुरोध किया, जिसके बाद बैंक ने उन्हें 3 लाख रुपये में सेटलमेंट का विकल्प दिया, जिससे वह कानूनी परेशानियों से बच गए।
क्रेडिट स्कोर सुधारने का अवसर
अगर आप लोन की EMI नहीं भर पाते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर (CIBIL Score) प्रभावित हो सकता है। लेकिन RBI के नियमों के अनुसार:
- अगर आप EMI में देरी होने के बाद भी बैंक से समझौता कर लेते हैं, तो आपकी रिपोर्ट में नेगेटिव इफेक्ट कम किया जा सकता है।
- यदि आप सेटलमेंट के बाद समय पर EMI चुकाने लगते हैं, तो धीरे-धीरे आपका स्कोर फिर से सुधर सकता है।
- कुछ बैंक ग्राहकों को “क्रेडिट काउंसलिंग” की सुविधा भी देते हैं, जिससे वे सही वित्तीय निर्णय ले सकें।
वास्तविक अनुभव:
रवि शंकर का क्रेडिट स्कोर उनकी EMI मिस होने के कारण 650 तक गिर गया था। लेकिन जब उन्होंने सेटलमेंट किया और समय पर भुगतान करने लगे, तो 1 साल के अंदर उनका स्कोर 750 तक पहुंच गया।
अपने अधिकारों को जानें और सही निर्णय लें
अगर आप किसी कारण से अपनी EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। RBI ने उधारकर्ताओं के लिए कई महत्वपूर्ण अधिकार सुनिश्चित किए हैं, जिनका लाभ उठाकर आप अपने लोन को व्यवस्थित कर सकते हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि बैंक से बातचीत करें और सही समाधान निकालें। बिना जानकारी के कोई भी गलत कदम उठाने से बचें, क्योंकि यह आपके क्रेडिट स्कोर और वित्तीय भविष्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
याद रखें, हर समस्या का समाधान होता है, बस सही जानकारी और सही कदम उठाने की जरूरत होती है!